पं. महेश शर्मा
बहुत से रिश्तों में खटास सिर्फ इसलिए आ जाती है पति पत्नी मिल बैठकर कुछ मिनट आपस में बात नहीं करते। दोस्तों या रिश्तेदारों की बुराई हो या दफृतर का मुदृदा हल्का फुल्का आपस में बांटने से दिमाग का प्रेशर भी तो कम होता है।
वैसे तो बेहतरीन लाइफ पार्टनर बनने का कोई सटीक नुस्खा अब तक नहीं ढूंढ़ा जा सका है पर रिश्तों में गर्माहट बना रखने और उनको नीरस होने से बचाने के कुछ मामूल से तरीके जरूर हैं, जिनको अपने जीवन में शामिल कर आप भी बन सकते हैं नंबर वन जीवनसाथी।
प्रेमपूर्ण उत्साहजनक तरीके से जीवन भर किसी का साथ निभा पाना कोई हंसी खेल नहीं है। ठीक उसी तरह दांपत्य को हमेशा उकताहट और नीरसता ही नहीं तबाह करती, बल्कि कई दफा लोग रिश्तों में गर्माहट रखने में ही पिछड़ जाते हैं। अगर आप चाहते है बेहतरीन जीवनसाथी साबित होना तो कुछ बातों पर गौर जरूर फरमाएं।
विश्वास करें
किसी भी रिश्ते को बेहतर तरीके से निभाने का मूल मंत्र है, एक-दूसरे पर सौ फीसदी विश्वास करना। किसी तरह का भय या शक दिल में जहां आपने रखा समझिए खुद को आप प्रेम से दूर करते जा रहे हैं। विश्वास टूटने के भय से पहले ही पत्नी पर शंकालू निगाह रखना, आपको कमजोर करता है। प्रेम तो छूटता ही है, जो चीजें आपके पास होनी थीं, वे भी दूर होती जाती हैं।
स्वीकारें
जिसे आप प्यार करते हैं, उसे संपूर्णता के साथ स्वीकारें। उसकी अच्छाईयों को अपना लेना और कमियों का चुन चुनकर सुबह शाम गिनाते फिरना, आपके प्यार के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। जो है, जैसा है, उसको भर दीजिए प्यार से। संपूर्णता में प्यार करें। कमियों को कमियों की तरह लेना ही छोड़ दें। क्योंकि कोई भी परफेक्ट नहीं हो सकता। कुछ कमियां तो आपमें भी होंगी। बात चाहे प्यार की हो या काम की, जितना हो सके और जब तक हो सके आपस में एक-दूसरे की तारीफ करें। यह कभी नहीं मानकर बैठ जाएं कि प्रोत्साहन की जरूरत नहीं, क्योंकि हर किसी को बूस्टअप करना नहीं आता। और कोई कितना भी कहे पर हर किसी को तारीफ भाती है। यह बहुत जरूरी है तो बस शुरू हो जाइए। याद रखिए सम्मान देने से ही मिलता है। आप अपने जीवन साथी का सम्मान करेंगे तभी दूसरे भी उसे सम्मानित नजरों से देखेंगे। यदि आपने ही उसके बारे में अनाप शनाप बोलना शुरू कर दिया तो दूसरों को कैसे रोकेंगे। अपनी नाराजगी या नापसंद जरूर बताएं पर यह ख्याल रखें, कि सम्मान को ठेस न पहुंचे।
सलाह लें
कितनी भी अपनी मर्जी चलाने की आदत हो आपकी, बिना रुके या सोचे हर छोटी बड़ी बात पर सलाह लें। विचार शेयर करें। आपको यह पता भी हो कि अमुक मामले में रिएक्शन अलग हो सकता है तो भी आपकी यह जिम्मेदारी बननी है कि आप उनसे पूछें जरूर। फिर अपने तर्क देकर आप वहीं करें जो आपकी मर्जी है पर थोपें नहीं कुछ।
आप कुछ भी क्यों न करते हों, कुछ समय एक-दूसरे को जरूर दें। साथ में बैठक कर टीवी देखें, एक साथ डिनर करें या एक ही बिस्तर पर सो लेने से भावनात्मक नजदीकियां नहीं पनपती। कई रिश्तों में खटास सिर्फ इसलिए आ जाती है कि मिल बैठकर कुछ मिनट बतियाते नहीं। दोस्तों या रिश्तेदारों की बुराई हो या दफृतर की समस्या हल्का फुल्का बांटने से दिमाग का प्रेशर कम होता है और पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है।
No comments:
Post a Comment