Friday, December 5, 2014

brahmin matrimonial sites

Tuesday, August 19, 2014

Punjabi Meeting Program video held on RishtonKaSansar Meeting Hall

Punjabi
Matrimonial sites is a part of Rishtonka sansar  , online punjabi
matrimonial websites are becoming very popular. Our Punjabi Matrimonial Site
Provide facility to punjabi bride and groom find your soul mate as per
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Punjabi matrimonial website from the comfort of your home, and go through our
online matchmaking portal. This on-line Punjabi matrimonial site can give you
too many profiles.

Thursday, August 14, 2014

Brahmin face2face meeting program video 13/04/14 by Rishton Ka Sansar

Rishton Ka sansar are getting common for free of charge brahmin matrimonial sites in Meerut India. Rishtonkasansar.com is a wonderful, trustworhy and userfriendly matrimonial site for brahmins. This site is absolutely genius especially for brahmin brides and grooms. when registering on rishton Ka sansar ,Member will undergo the looking out Numbers of Bride and Groom Profiles as per preference. We also Provide a brahmin face to face community meeting program to both paid and free registered user on our free brahmin matrimonial portal. Rishton Ka Sansar aims to Find Brahmin brides and Brahmin grooms from the most trusted Brahmin Matrimony site that serve only Brahmin community.

Rishton Ka Sansar Official Blog: Find your Soul Mate with Brahmin Matrimonial Websi...

Rishton Ka Sansar Official Blog: Find your Soul Mate with Brahmin Matrimonial Websi...: If you are from Brahmin community and looking for a perfect match then registering yourself at any Brahmin matrimony website can be a good...

Find your Soul Mate with Brahmin Matrimonial Website

If you are from Brahmin community and looking for a perfect match then registering yourself at any Brahmin matrimony website can be a good step for you. There days, community online portals are becoming very useful. These portals are especially dedicated to community marriages.

Matrimonial sites are integrated with various advance features and facilities. You can upload you complete information and attractive photographs after creating an account on any matrimony site. Many website also provide chat features through which you can also chat from different people and know about their thoughts. This will help you to know people better and find an ideal life partner.
Rishton Ka Bandhan

Registering on any Brahmin matrimonial site is simple. You just need a computer and an Internet connection to register and access these portals. You can easily register yourself at these Brahmin matrimonial sites. To register you, type the url of the site in the address bar of the browser and then click the register link on the home page. Provide the required information and complete the registration process. To make your profile more attention grepping, upload some of your attractive and good quality photographs. Also provide complete and true information about you.

There are some special matrimonial sites in Delhi NCR dedicated to Brahmin community. If you are in Delhi NCR or looking your life partner in this locality then you can register on some these portals. First you can register as the free member and later you can update your account as paid member for dedicated services.

Friday, February 21, 2014

विश्वास करे प्यार की डोर को मजबूत


अक्सर हमने सुना है कि प्यार के चक्कर में पड़कर अच्छा खासा आदमी बर्बाद हो गया लेकिन कभी-कभी चाहे-अनचाहे हमारे कानों में ऐसे भी किस्से सुनाई देते हैं, जिनमें प्यार एक नव प्रेरणा बनकर जीवन को एक नया रूप प्रदान करता है। प्यार है, तो इकरार भी क्यों हो प्यार कभी किसी से जबरदस्ती नहीं होता। यह एक अहसास है। जीवन में किसी के आगमन के साथ स्वतः हो जाता है। यह सच है कि सच्चा प्यार इस दुनिया में बहुत कम लोगों को मिल पाता है। यदि आपको भी अपना सच्चा प्यार मिल गया है, जिसने आपके जीवन को खुशियों, उमंगों, उल्लास नए सपनों से भर दिया है, तो उस साथी को अपने से कभी जुदा मत होने दो तथा अपने जीवनसाथी को जिंदगी की हकीकत बनाकर अपने प्यार को सदा के लिए अपना लो।


मुश्किल में दें साथ

आदमी जब मुश्किलों से हारकर टूट जाता है, तब प्यार उसकी ऊर्जा बन उसे फिर से जीवित करता है। आपका सच्चा प्यार ऐसे वक्त में भी आपका साथ निभाता है, जब दुनिया आप पर नफरत आलोचनाओं के तीर बरसाती है। अपने साथी का हौसला आपके कदम जब भी डगमगाएं तो वह फिर से खड़ा होने की हिम्मत दुनिया का सामना करने की ताकत देता है।

समझदार साथी

यदि आपका साथी समझदार है, तो वो आपकी हर मुश्किलों को हल करके आपका जीवन संवार देगा। समय-समय पर आने वाली दुविधा की स्थिति में आपका साथी ही आपको सही राह दिखा सकता है। समझदार साथी आपकी हर मुश्किलों को चुटकी में हल करने में सक्षम होता है और आपको प्रतिकूल परिस्थितियों से बाहर ले आएगा।

लोगों की बातों पर ध्यान दें

कहा जाता है कि हमेशा निंदक को अपने साथ रखना चाहिए। ऐसे लोग आपकी बुराई का चिट्ठा आपके सामने खोलकर रख देते हैं परंतु आज जमाना पूरी तरह से बदल गया है। अब निंदक को बगैर बुलाए ही हर जगह उपलब्ध हो जाते हैं। नए जमाने के ये निंदक आपकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने में एक पल की भी देर नहीं करते हैं। यदि आप इन चापलूसों के चक्कर में आकर अपने सच्चे प्यार से जुदा होते हैं, तो आप बहुत बड़ी मूर्खता करते हैं। इस दुनिया की तो यह रीत ही है कि वो सच्चे प्रेमियों की राह में हमेशा बाधाएं मुश्किलें पैदा करती है।

Monday, January 20, 2014

रिश्तों को टूटने से पहले सहेज लीजिए

http://www.rishtonkasansar.com/FreeReg.aspx
कहते हैं कि जोडि़याँ स्वर्ग में बनती हैं। धरती पर तो इनका मिलन भर होता है। भारतीय संस्कृति में शादी को जन्म-जन्मांतर का साथ माना गया है। शायद इसी बात को हमारे यहीं लोग शब्दशः स्वीकार करते हुए जिंदगी भर सुख-दुख में एक-दूसरे को साथ निभाते चले आएं हैं। इसी वजह से भारत में तलाक की दर अन्य देशों की तुलना में काफी कम थी लेकिन पिछले दो दशकों में यह परिदृश्य काफी बदल गया है।

देश के महानगरों में तलाक के मामले काफी बढ़ रहे हैं। महानगरों के साथ-साथ छोटे शहरों के उच्च और मध्यम वर्ग में शादियों का दिन-प्रतिदिन टूटना अब मनोवैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय हो गया है। जहां तलाक को पहले अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाता था वहीं अब कई युवा दंपत्ति इसे समस्याओं के समाधान के एकमात्र विकल्प के रूप में देखते हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इन दिनों फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी 25 से 35 आयु वर्ग के दंपतियों द्वारा और वो भी शादी के महज 3 साल के भीतर ही दी जा रही है। निश्चय ही रिश्तों का जुड़ना और फिर इस तरह से टूटना सिवाय दर्द के कुछ नहीं देता। जो पति-पत्नी बच्चों के किशोरावस्था तक पहुँचने में यह निर्णय लेते हैं, उनके बच्चों को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ता है। अध्ययनों के मुताबिक जो बच्चे माता-पिता के अलगाव की त्रासदी झेलते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे बच्चों में आत्मविश्वास की भी खासी कमी देखी गई है। वे जरा-सी बात पर नाराज हो जाते हैं, उनमें नशे की लत लगने की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे बच्चे अपने आपको बहुत अकेला महसूस करने लगते हैं। लेकिन, क्या रिश्तों को टूटने से पहले ही नहीं संभाला जा सकता? बातों को इतना बड़ाया ही क्यों जाए कि वे इस कगार तक पहुंचे!

जब भी पति-पत्नी को लगे कि अब उनके रिश्ते में प्यार खत्म हो रहा है या आपसी समझ घटती जा रही है तो वे मिल-बैठकर बात कर सकते हैं। एक-दूसरे के साथ वक्त बिताकर समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं। उनके मन में जो भी डर, असुरक्षा की भावना या शिकायत हो, उसे बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं। यदि फिर भी दम्पति आपस में अपनी समस्या नहीं सुलझा सकते तो इसके लिए ‘मैरिज काउंसलर’ और ‘मैरिज थैरेपी’ की मदद ली जा सकती है। मैरिज काउंसलर दोनों पक्षों की बात जानकर आपको सही सुझाव और सलाह देते हैं। इससे आप अपने रिश्ते को टूटने से बचा सकते हैं। मैरिज थैरेपी भी रिश्तों को बनाए रखने के लिए कारगर उपाय है। थैरेपी में मनोचिकित्सक काउंसलिंग के जरिए आपकी मदद कर सकते हैं।

यदि आपके लिए किसी प्रोफेशनल काउंसलर की सुविधा लेना संभव न हो तो आप परिवार के किसी ऐसे सदस्य या दोस्त, जो आप दोनों को भली-भांति जानता हो व दोनों के प्रति मन में समान भाव रखता हो, के साथ बैठकर अपनी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करें। पति-पत्नी चाहें तो व्यवहार में बदलाव से भी समस्याओं को सुलझा सकते हैं। पति-पत्नी में तलाक की मुख्य की वजह शराब का सेवन, मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना, विवाहेत्तर संबंध, आधुनिक जीवन शैली के कुप्रभाव, अहम, अवसाद, उपेक्षा, वैचारिक मतभेद व गलतफहमी हैं। सहनशक्ति और सामंजस्य की मंशा का न होना भी अब संबंध-विच्छेद के लिए जिम्मेदार हैं। अक्सर पति-पत्नी को लगता है कि तलाक लेने से उनकी सारी समस्याओं का हल हो जाएगा, जबकि यह सच नहीं है। व्यवहार गलत होने पर आप किसी के भी साथ खुश और सुखी नहीं रह सकते हैं। फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। परिवार और समाज में रहने के लिए कुछ समझौते और बदलाव तो जरूरी हैं। यदि आप वह नहीं करना चाहते हैं तो इन बातों पर शादी से पहले ही विचार किया जाना चाहिए।

शादी के बाद अलग होने की नौबत न आए, इसके लिए बेहतर होगा कि आप जिससे शादी करने जा रहे हैं उसे जान लें। लड़का-लड़की आपस में एक-दूसरे के रहन-सहन और आदतों पर एक-दूसरे से खुलकर बात करें। एक-दूसरे से अपनी अपेक्षाओं को अवगत करा दें और किसी प्रकार का कोई दुराव-छुपाव न रखें, ताकि आप तलाक की त्रासदी झेलने से बच सकें।