Saturday, September 10, 2011

तकरार के बाद प्यार (Love After Fight)

पं. महेश शर्मा
शायद ही कोई ऐसे पति-पत्नी होंगे, जिनमें किसी बात को लेकर बहस या फिर लड़ाई न होती हो। लेकिन रिश्ते में प्यार बनाए रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि बातचीत का रास्ता कभी बंद न हो।

पति-पत्नी के बीच घर के काम को लेकर झगड़ा होना कोई नई बात नहीं होती, लेकिन दोनों के बीच बातचीत बंद हो जाए ये हजम नहीं होता। कई बार बात इतनी बढ़ जाती है कि परिवार वालों को दोनों के बीच सुलह करवानी पडत़ी है। अक्सर पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता है और वे एक-दूसरे से बातचीत बंद कर देते हैं।
इसकी वजह से अनजाने ही दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है। आपसी लड़ाई की बात घर से बाहर करने के बजाय अगर आप झगड़े के बाद एक-दूसरे से अपने मन की बात कहें तो आपसी मनमुटाव दूर होते देर नहीं लगेगी।

हर रिश्ते में तकरार होती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप अपने साथी के साथ बातचीत बंद कर दें। मनोवैज्ञानिक डा. वंदना कहती हैं, पति-पत्नी के बीच छोटी मोटी बातों पर लड़ाई होना आम है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप दोनों के बीच  चाहे कितना भी झगड़ा क्यों न हुआ हो, बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए। मेरे औ मेरे पति के बीच चाहे कितनी भी कहा सुनी क्यों न हो जाए, हम बातचीत बंद नहीं करते। हम दोनों जल्द से जल्द झगड़े को खत्म करने की कोशिश करते हैं। शायद यही कारण है कि शादी के इतने साल बीतने के बावजूद आज भी हमें अपना रिश्ता नया-नया सा लगता है।

इस संबंध में यही समझना बेहतर होता है कि पति-पत्नी में झगड़ा होना स्वाभाविक है। हो सकता है कि आप झगड़े होने के बाद की स्थिति को सही तरह से नहीं संभाल पा रहे हों। यह भी हो सकता है कि आपसे ज्यादा आपके पड़ोसी आपस में ज्यादा लड़ते हों वे लोग इसे संभालने की झमता रखते हैं। इसलिए उनकी बातें जगजाहिर नहीं होती। और आप लोग झगड़े के बाद तालमेल नहीं बना पाते हों।

अक्सर लड़ाई का कारण आजकल वर्क प्रेशर देखा गया है। इसकी वजह से एक-दूसरे को वक्त नहीं दे पाना होता है। पर हम ज्यादा देर तक एक-दूसरे से नाराज नहीं रह पाते। थोड़ी देर तक हम चुप रहते हैं, लेकिन अचानक ही एक-दूसरे को देखकर हम मुस्कुरा देते हैं।

वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डा. सीमा शर्मा कहती हैं, सच तो यह है कि थोड़ी बहुत नोकझोंक रिश्ते में प्यार को बढ़ाती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि लड़ाई के बाद आप बातचीत बंद न करें। साथ बैठकर अपनी गलतफहमियां दूर करें। पर होता इसका उल्टा है। झगड़े के बाद हम बातचीत बंद कर देते हैं, जिससे गलतफहमियां दूर ही नहीं हो पाताी हैं।

इन बातों का रखें ख्याल


- अगर झगड़ा हो गया है और अगर गलती आपकी है, तो साॅरी बोलने में देर न लगाएं।
- रिश्ते के बीच अपने अहम को न आने दें। अगर गलती नहीं है और आपको लग रहा है कि आपका साथी गुस्से में है, तो उसे मना लेने में कोई हर्ज नहीं है।
- अपने झगड़े की बात बाहरवालों से न करें, क्योंकि जरूरी नहीं है कि वे आपकी गलतफहमी को दूर ही करें। इससे कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि आपकी इस हरकत से आपके साथी की भावनाएं आहत होंगी।
- अगर झगड़ा ज्यादा बढ़ गया है तो स्थिति सामान्य करने के लिए परिवार के किसी बड़े सदस्य की मदद लें।

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