दड़कते रिश्ते को बचाए वास्तु
पं. महेश शर्मा 21वीं सदी में भी आदमी अपनी उन्नति व अपने करिअर को लेकर काफी उत्सुक है। लेकिन समाज में कहीं न कहीं रिष्तों को लेकर काफी चिंतन व सोच खिाई देने लगी हैं। अब तो नई पीढ़ी के युवा रिष्तों को कायम करने और बचाने के लिए भी इसका सहारा लेने लगे हैं।
कुछ समय पूर्व ही रिष्तों को लेकर हुए एक सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गत 10 वर्शों में पति-पत्नी के बीच संबंध विच्छेद की घटनाओं में 20 गुनी ज्यादा वृद्धि देखी गई है। 50 से 60 प्रतिशत रिश्ते तो बनने से पहले ही टूट जाते हैं। इसका सीधा प्रभाव कहीं न कहीं वास्तु दोश को दर्षाता प्रतीत होता है। जैसे:
- पूर्व के अहम भाग का पूर्णतः व्यवस्थित न होना तथा घर में उल्टे सीधे विम का होना।
- रसोई घर में पानी तथा अग्नि का नजदीक होना।
- वास्तु के नियमों का पालन करने के पष्चात हम देखतें हैं कि टूटते रिश्ते भी बनते हुए देखे गए हैं।
- ईष्वर की बनाई हम संतानों में स्त्री व पुरुश यदि आमने सामने हों तो भी 17 डिग्री का कोण बनता है। लगभग स्त्री अपने पुरुश के कंधे के उुपर की हाइट में देखी गई है, जो कि 17 डिग्री के आसपास के कोण को बनाता है।
- यदि हम आमने सामने बैठकर 180 डिग्री पर बात करते हैं तो रिश्ते तो खत्म होने ही हैं। लेकिन यदि हम 17 डिग्री के कोण पर है, तो रिष्तों का टूटना संभव नहीं है।
आजकल अक्सर ऐसा देखा गया है कि टेबिल में पेयर्स आमने सामने बैठते हैं। और कुछ ही महीनों में किसी नये चेहरे के साथ बैठे नजर आते हैं।
सुझाव:
- घर में गंदा पानी स्टोर न करें।
- बांसुरी को सुंदरता के साथ अलंकृत कर रखें।
- चांदी के वर्तन में शहद रखें।
- हाथी का परिवार जिसकी सूड़ उठी न हो रखें।
- चिडि़या के घोसले की खास फूस घर में कहीं भी सजाकर रखें।
- झाड़ू को कहीं छुपाकर रखें।
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