प. महेश शर्मा
छोटी-छोटी बातें प्यार भरे रिश्ते को टूटने की कगार तक पहुंचा देते हैं। समझदारी इसी में है कि रिश्ते को तोड़ने वाली चीजों से आप दोनों दूर रहें।
तकरार जरूरी नहीं है कि बड़ी-बड़ी बातों को लेकर ही है। लेकिन संबंधों को तोड़ने वाला तकरार छोटी छोटी बातों से ही शुरू होती है। कई बार तो केवल इस बात पर मामला इतना बिगड़ जाता है कि पार्टी में पत्नी अपने पति को एक बेहद ही खूबसूरत और के साथ बैठकर खिलखिलाते देख पत्नी को इतनी इश्र्या होती है कि वह उदास सी एक ओर बैठ जाती है।
पति-पत्नी के बीच यही इश्र्या दरार डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका कारण चाहे जो भी हो पर उसका परिणाम न सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
पति का दूसरी औरतों में लोकप्रिय होना या अपने शानदार व्यक्तित्व के कारण आकर्शण का केन्द्र बनना पत्नी के अंदर स्मार्ट या काबिल हो तो उसका ईश्र्या करना स्वाभाविक है, पर अगर वह उससे ज्यादा कमाती है तो भी अक्सर पति को अपनी पत्नी की कामयाबी परेशान करती रहती है।
मनोवैज्ञानिक डा. विकास सैनी कहते हैं, मानसिक विकृति का एक रूप बेशक हो पर वास्तव में यह एक तरह की असुरक्शा की भावना होती है, जिस पर कई तरह से प्रतिक्रिया की जाती है। यह असुरक्शा साथी के अधिक सुंदर, योग्य, ज्यादा कमाने या सबका प्रिय होने की वजह से उत्पन्न हो सकती है। हालांकि जिस साथी से यह जलन होती है, उसके मन में किसी तरह का वर्चस्व होने का भाव या साथी को हीन जताने की भावना नहीं होती है। फिर भी दूसरा साथी अपने आप मन में अनेक कहानियां बुन लेता है। फिर पता नहीं चल पाता कि कब ईश्या का फन सिर उठाए खड़ा हो जाए, क्योंकि किन्हीं खास स्थितियों से यह मनोस्थिति बंधी नहीं होती है।
क्या है ईश्या
प्ति-पत्नी के बीच ईश्या का मुख्य कारण है औरतों का बढ़ता पावर स्टेटस, उनकी अपनी एक अलग पहचान, जिसका संबंध सिर्फ उनसे होता है। साथ ही हर स्तर पर बढ़ता एक्सपोजर जो काम करने, सोशल नेटवर्क साइटस पर रहने से लगातार बढ़ रहा है। इससे वह दूसरे पुरुशों के संपर्क में आती है, जिससे पति अंदर अनजाने में ही एक ईश्र्या की भावना पनपने लगती है। साथ ही पर्याप्त समय न बिताने व कम्युनिकेशन न होने के कारण भी अपने साथी के सामाजिक जीवन को स्वीकार करने में दिक्कत आने से ईश्र्या की भावना पनपने लगती है। बेहतर होगा कि साथी को अपना प्यार अवश्य प्रदर्शित करें और अपने अंदर पुरानी बातों को लेकर उपजी असुरक्शा को वर्तमान पर हावी न होनें दें।
ऐसे दूर भगाएं ईश्या
बेहतर यही होगा कि अपने मन में भ्रांतियां पालने व अपने साथी को अपने व्यवहार से आहत करने के बजाय खुलकर उससे मन की बात शेयर करें। ध्यान रखें जलन पर आप पर हावी न हो। अगर आपका साथी अचानक राह में चलते चलते किसी अजनबी को देखने लगे तो किसी भी तरह की शंका मन में न लाएं। उस पर विश्वास करें और बेकार की बातों पर ध्यान देने के बजाय अन्य महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान लगाएं। अगर कोई तीसरा व्यक्ति रिश्ते के लिए खतरा बन रहा हो तो अपने साथी से अपनी असुरक्शाओं के बारे में बात करें ताकि उलझनें बढ़ने के बजाय समय रहते ही सुलझ जाए।
छोटी-छोटी बातें प्यार भरे रिश्ते को टूटने की कगार तक पहुंचा देते हैं। समझदारी इसी में है कि रिश्ते को तोड़ने वाली चीजों से आप दोनों दूर रहें।
तकरार जरूरी नहीं है कि बड़ी-बड़ी बातों को लेकर ही है। लेकिन संबंधों को तोड़ने वाला तकरार छोटी छोटी बातों से ही शुरू होती है। कई बार तो केवल इस बात पर मामला इतना बिगड़ जाता है कि पार्टी में पत्नी अपने पति को एक बेहद ही खूबसूरत और के साथ बैठकर खिलखिलाते देख पत्नी को इतनी इश्र्या होती है कि वह उदास सी एक ओर बैठ जाती है।
पति-पत्नी के बीच यही इश्र्या दरार डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका कारण चाहे जो भी हो पर उसका परिणाम न सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
पति का दूसरी औरतों में लोकप्रिय होना या अपने शानदार व्यक्तित्व के कारण आकर्शण का केन्द्र बनना पत्नी के अंदर स्मार्ट या काबिल हो तो उसका ईश्र्या करना स्वाभाविक है, पर अगर वह उससे ज्यादा कमाती है तो भी अक्सर पति को अपनी पत्नी की कामयाबी परेशान करती रहती है।
मनोवैज्ञानिक डा. विकास सैनी कहते हैं, मानसिक विकृति का एक रूप बेशक हो पर वास्तव में यह एक तरह की असुरक्शा की भावना होती है, जिस पर कई तरह से प्रतिक्रिया की जाती है। यह असुरक्शा साथी के अधिक सुंदर, योग्य, ज्यादा कमाने या सबका प्रिय होने की वजह से उत्पन्न हो सकती है। हालांकि जिस साथी से यह जलन होती है, उसके मन में किसी तरह का वर्चस्व होने का भाव या साथी को हीन जताने की भावना नहीं होती है। फिर भी दूसरा साथी अपने आप मन में अनेक कहानियां बुन लेता है। फिर पता नहीं चल पाता कि कब ईश्या का फन सिर उठाए खड़ा हो जाए, क्योंकि किन्हीं खास स्थितियों से यह मनोस्थिति बंधी नहीं होती है।
क्या है ईश्या
प्ति-पत्नी के बीच ईश्या का मुख्य कारण है औरतों का बढ़ता पावर स्टेटस, उनकी अपनी एक अलग पहचान, जिसका संबंध सिर्फ उनसे होता है। साथ ही हर स्तर पर बढ़ता एक्सपोजर जो काम करने, सोशल नेटवर्क साइटस पर रहने से लगातार बढ़ रहा है। इससे वह दूसरे पुरुशों के संपर्क में आती है, जिससे पति अंदर अनजाने में ही एक ईश्र्या की भावना पनपने लगती है। साथ ही पर्याप्त समय न बिताने व कम्युनिकेशन न होने के कारण भी अपने साथी के सामाजिक जीवन को स्वीकार करने में दिक्कत आने से ईश्र्या की भावना पनपने लगती है। बेहतर होगा कि साथी को अपना प्यार अवश्य प्रदर्शित करें और अपने अंदर पुरानी बातों को लेकर उपजी असुरक्शा को वर्तमान पर हावी न होनें दें।
ऐसे दूर भगाएं ईश्या
बेहतर यही होगा कि अपने मन में भ्रांतियां पालने व अपने साथी को अपने व्यवहार से आहत करने के बजाय खुलकर उससे मन की बात शेयर करें। ध्यान रखें जलन पर आप पर हावी न हो। अगर आपका साथी अचानक राह में चलते चलते किसी अजनबी को देखने लगे तो किसी भी तरह की शंका मन में न लाएं। उस पर विश्वास करें और बेकार की बातों पर ध्यान देने के बजाय अन्य महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान लगाएं। अगर कोई तीसरा व्यक्ति रिश्ते के लिए खतरा बन रहा हो तो अपने साथी से अपनी असुरक्शाओं के बारे में बात करें ताकि उलझनें बढ़ने के बजाय समय रहते ही सुलझ जाए।
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