Monday, September 5, 2011

हावी न होने दें तनाव को (Don't Be Tensed)


डीके मिश्र

दांपत्य जीवन में संंबंधों को लेकर कई बार पति-पत्नी पशोपेश की स्थिति में रहते हैं। खासतौर से जब बच्चे के बड़े होने पर यह स्थिति उठ खड़ी होती है। ऐसा संयुक्त परिवार में रहने और महानगरीय जीवन शैली को बढ़ावा मिलने की वजह से स्पेस के अभाव में होता है। अधिकांश मामलों में यही वजह रिश्तों में खटास को जन्म देती है। शरीरिक संबंधों में कमी न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक तथा भावनात्मक रूप से भी पति-पत्नी को अलग करती है। 

हालांकि इस तरह की बातें तर्कसंगत नहीं लगती। ऐसा इसलिए कि मियां-बीवी के संबंधों में समय के अभाव को लोग आसानी से हजम नहीं कर पाते, लेकिन आजकल ये बात हकीकत में है। फिर भी आप चाहें तो समय निकाल सकते हैं। कई बार ऐसा होता है जब आप बिल्कुल अकेले होते हैं जैसे बच्चों के  स्कूल जाने के बाद, बच्चों के ट्यूशन जाने के बाद, बच्चों के सोने के बाद, सुबह के वक्त आदि जब आप खाली समय का सदुपयोग समय के अभाव को दूर कर सकते हैं। 

नव न्यूरो क्लिनिक के डा. विकास सैनी कहते हैं, सबसे ज्यादा अहमियत यह है कि आप अपने साथी को या उसकी भावनाओं का कितना कद्र करते हैं। इन बातों के लिए समय निकाला नहीं जाता है अगर आप तवज्जों देंगे तो अपने आप निकल आता है। जैसे बहुत स्त्रियां बच्चों को दिन में नहीं सुलाती, जिससे बच्चे जल्दी सो जाएं तथा उन्हें अपने पति के साथ समय बिताने को अवसर मिले। जब आपकी शादी की वर्षगांठ होती है तब भी आप अपने उस व्यस्त जीवन में से एक दूसरे के लिए समय निकाल ही लेते हैं वो सिर्फ आपके जोश, प्यार और इच्छाशक्ति की वजह से ही होता है। अगर वही इच्छा आप रोज न कर हफ्ते-दस दिन में भी दिखा देते हैं तो आपके साथी को अच्छा लगता है। 

व्यस्तता हर ईंसान के जीवन का हिस्सा बनती जा रही है चाहे वो स्त्री हो या पुरुष। लेकिन आप व्यस्तता की दुहाई देकर अपने दांपत्य जीवन से मुंह नहीं मोड़ सकते। चाहे इंसान कितना भी थका हुआ क्यों नहीं हो साथी की भावनाओं की तरफ भी ध्यान देना ही चाहिए। यह  सब आप दोनों की आपसी अंडरस्टैंडिंग पर निर्भर करती है कि आप कितने या किस समय को उपयुक्त मानते हैं। 
कहते हैं कि इंसान को अपना अतीत कभी नहीं भूलना चाहिए ताकि लोग उसे बदला हुआ न कहने लगे। इसी तरह अगर आप अपने दांपत्य जीवन के शुरुआती दिनों की बातों को अपने साथी के साथ याद करें तो शायद जीवन में नीरसता या बोरियत नहीं आएगी। 

सुखद दांपत्य जीवन का मतलब सिर्फ शारीरिक संबंधों से नहीं है, बल्कि एक-दूसरे के साथ सुखद अहसास से होता है। अगर आपके प्यार भरे मजाक या प्यार भरी छेड़छाड़ आपके दिन का हिस्सा है तो  संबंधों में प्रगाढ़ता आती है तथा तनाव भी आपके संबंधों से दूर रहता है। आजकल रिश्तों में खटास आने का कारण सबसे महत्वपूर्ण  कारण यही तनाव होता है। इसलिए कोशिश होनी चाहिए की तनाव आपके संबंधों पर हावी न होने पाए। 

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