डीके मिश्र
भारतीय समाज में अतिथि देवो भवः की परंपरा हमेशा से रही है। ये बात सच है कि किसी का मेहमान बनने में जो मजा है वह किसी और चीज में नहीं। पर किसी का मेहमान बनना अपने साथ कुछ जिम्मेदारियां भी लेकर आता है।
आज से 15 से 20 वर्श पूर्व तक भी स्थितियां कुछ ठीक थीं। बच्चे क्या, बड़े भी छुट्टियों का इंतजार बेसब्री से किया करते थे। कोई दादी-नानी के घर जाने के सपने संजोता था, तो कोई अपने दोस्तों की स्वागत की तैयारियों में जुटा रहता था। पर अब बच्चों के लिए छुट्टियों का मतलब है ढ़ेर सारा होमवर्क और तमाम तरह के प्रोजेक्ट्स। इन होमवक्र्स में बच्चों से ज्यादा मेहनत उनके पैरेंट्स को करनी पड़ती है।
इसलिए छुट्टियां मनाने के लिए किसी के घर जाने या किसी को अपने घर बुलाने से हर कोई कतराता है। मौजूदा दौर में पति-पत्नी दोनों का वर्किंग होना आम बात है। ऐसे में मेहमान को बहुत ज्यादा वक्त दे पाना किसी के लिए भी संभव नहीं रहा। ऐसे में अगर आप किसी के मेहमान बनें तो कुछ बातों का ध्यान रखें।
मिलकर बनाएं प्लान
एक कहावत है कि अतिथि वह होता है, जिसके आने की कोई निश्चित तिथि नहीं होती। वह कभी भी किसी भी समय आ सकता है। किसी निश्चित समय में न बंधे होने के कारण ही उसे अतिथि कहते हैं। लेकिन मौजूदा दौर में अतिथि की इस परिभाशा को बदलने की जरूरत है। अगर आप किसी के घर मेहमान बनकर जाने के मूड में है तो पहले अपने मेजबान के प्लान के बारे में पता कर लें। ऐसा न हो कि अपनी मौज मस्ती के चक्कर में आप किसी दूसरे का सारा प्लान चैपट कर दें। बेहतर तो यही होगा कि जिस रिश्तेदार या दोस्त के यहां आप छुट्टियां बिताने जाना चाहती हैं, उन्हें केवल सूचित करने की जगह उनके साथ मिलकर छुट्टियों की प्लानिंग करें।
दें सही जानकारी
अगर आप अपने किसी रिश्तेदार या दोस्त के यहां छुट्टियां बिताने जा रही हैं तो उन्हें अपने कार्यक्रम की सही जानकारी दें। आपका प्रोग्राम कितने दिनों का है ? आप कितने सदस्य हैं? आप कब पहुंच रहे हैं? आपकी ट?ेन या फ्लाइट का क्या समय है? सब जानकारी अपने मेजबान को जरूर दें ताकि वह सहजता से आपके स्वागत के लिए खुद को तैयार कर सके।
मेजबान की दिनचर्या में न बनें बाधा
हर किसी की दिनचर्या व जीवनशैली एक जैसी नहीं होती। कुछ लोग सुबह जल्दी उठना पसंद करते हैं, तो कुछ लोग रात देर तक जागना। जरूरी नहीं कि आप और आपके मेजबान की जीवनशैली एक जैसी ही हो। बेहतर यही होगा कि आप अपनी जीवनशैली के गुणगान गाने और उसे उन पर लादने की जगह उनके रहन सहन के अनुसार खुद को ढालने की कोशिश करें।
बेवजह टीका टिप्पणी नहीं
कुछ लोगों को आदत होती है हर चीज में गलती ढूंढने की। अगर आप किसी के घर मेहमान बन कर जा रही हैं तो इस तरह की किसी भी आदतों से गुरेज करना आपके लिए अच्छा हेागा। दूसरे के घर जाकर उनकी हर चीज में मीन मेख निकालने से लोग आपसे जल्दी से उकता जाएंगे।
न दें प्राइवेसी में दखल
किसी के घर जाकर उसकी निजी जिंदगी में दखल देना किसी भी मेहमान को शोभा नहीं देता है। अगर आप किसी के मेहमान हैं, तो अपने मेजबान के निजी जीवन में ताकझांक करने से बचें। संबंध कितने भी निकटतम क्यों न हों, निजी जीवन में हस्तक्शेप किसी को भी पसंद नहीं होगा।
शुक्रिया है अनमोल शब्द
शुक्रिया एक ऐसा शब्द है जो अनमोल है। जब भी आप अपने मेजबान का घर छोडं तो शुक्रिया कहकर उसका आभार प्रकट करना न भूलें। यह शब्द आपके मेजबान को हमेशा याद रहेंगे। ये कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना आज हर किसी के लिए जरूरी है हो गया है।
भारतीय समाज में अतिथि देवो भवः की परंपरा हमेशा से रही है। ये बात सच है कि किसी का मेहमान बनने में जो मजा है वह किसी और चीज में नहीं। पर किसी का मेहमान बनना अपने साथ कुछ जिम्मेदारियां भी लेकर आता है।
आज से 15 से 20 वर्श पूर्व तक भी स्थितियां कुछ ठीक थीं। बच्चे क्या, बड़े भी छुट्टियों का इंतजार बेसब्री से किया करते थे। कोई दादी-नानी के घर जाने के सपने संजोता था, तो कोई अपने दोस्तों की स्वागत की तैयारियों में जुटा रहता था। पर अब बच्चों के लिए छुट्टियों का मतलब है ढ़ेर सारा होमवर्क और तमाम तरह के प्रोजेक्ट्स। इन होमवक्र्स में बच्चों से ज्यादा मेहनत उनके पैरेंट्स को करनी पड़ती है।
इसलिए छुट्टियां मनाने के लिए किसी के घर जाने या किसी को अपने घर बुलाने से हर कोई कतराता है। मौजूदा दौर में पति-पत्नी दोनों का वर्किंग होना आम बात है। ऐसे में मेहमान को बहुत ज्यादा वक्त दे पाना किसी के लिए भी संभव नहीं रहा। ऐसे में अगर आप किसी के मेहमान बनें तो कुछ बातों का ध्यान रखें।
मिलकर बनाएं प्लान
एक कहावत है कि अतिथि वह होता है, जिसके आने की कोई निश्चित तिथि नहीं होती। वह कभी भी किसी भी समय आ सकता है। किसी निश्चित समय में न बंधे होने के कारण ही उसे अतिथि कहते हैं। लेकिन मौजूदा दौर में अतिथि की इस परिभाशा को बदलने की जरूरत है। अगर आप किसी के घर मेहमान बनकर जाने के मूड में है तो पहले अपने मेजबान के प्लान के बारे में पता कर लें। ऐसा न हो कि अपनी मौज मस्ती के चक्कर में आप किसी दूसरे का सारा प्लान चैपट कर दें। बेहतर तो यही होगा कि जिस रिश्तेदार या दोस्त के यहां आप छुट्टियां बिताने जाना चाहती हैं, उन्हें केवल सूचित करने की जगह उनके साथ मिलकर छुट्टियों की प्लानिंग करें।
दें सही जानकारी
अगर आप अपने किसी रिश्तेदार या दोस्त के यहां छुट्टियां बिताने जा रही हैं तो उन्हें अपने कार्यक्रम की सही जानकारी दें। आपका प्रोग्राम कितने दिनों का है ? आप कितने सदस्य हैं? आप कब पहुंच रहे हैं? आपकी ट?ेन या फ्लाइट का क्या समय है? सब जानकारी अपने मेजबान को जरूर दें ताकि वह सहजता से आपके स्वागत के लिए खुद को तैयार कर सके।
मेजबान की दिनचर्या में न बनें बाधा
हर किसी की दिनचर्या व जीवनशैली एक जैसी नहीं होती। कुछ लोग सुबह जल्दी उठना पसंद करते हैं, तो कुछ लोग रात देर तक जागना। जरूरी नहीं कि आप और आपके मेजबान की जीवनशैली एक जैसी ही हो। बेहतर यही होगा कि आप अपनी जीवनशैली के गुणगान गाने और उसे उन पर लादने की जगह उनके रहन सहन के अनुसार खुद को ढालने की कोशिश करें।
बेवजह टीका टिप्पणी नहीं
कुछ लोगों को आदत होती है हर चीज में गलती ढूंढने की। अगर आप किसी के घर मेहमान बन कर जा रही हैं तो इस तरह की किसी भी आदतों से गुरेज करना आपके लिए अच्छा हेागा। दूसरे के घर जाकर उनकी हर चीज में मीन मेख निकालने से लोग आपसे जल्दी से उकता जाएंगे।
न दें प्राइवेसी में दखल
किसी के घर जाकर उसकी निजी जिंदगी में दखल देना किसी भी मेहमान को शोभा नहीं देता है। अगर आप किसी के मेहमान हैं, तो अपने मेजबान के निजी जीवन में ताकझांक करने से बचें। संबंध कितने भी निकटतम क्यों न हों, निजी जीवन में हस्तक्शेप किसी को भी पसंद नहीं होगा।
शुक्रिया है अनमोल शब्द
शुक्रिया एक ऐसा शब्द है जो अनमोल है। जब भी आप अपने मेजबान का घर छोडं तो शुक्रिया कहकर उसका आभार प्रकट करना न भूलें। यह शब्द आपके मेजबान को हमेशा याद रहेंगे। ये कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना आज हर किसी के लिए जरूरी है हो गया है।
No comments:
Post a Comment