जनम-जनम का साथ है हमारा तुम्हारा से
प्रेरणा लेने वाले जोड़े जरा सावधान हो जाएं। ज्यादा समय तक एक-दूसरे के साथ निभाने का मतलब यह नहीं
है कि हम लाइफ पार्टनर की पसंद के बारे में पूरी तरह जानते हैं।
अभी तक
समाज में यही पारंपरिक मान्यता है कि जीवनसाथी के साथ ज्यादा समय गुजारने के बाद हम
पार्टनर की पसंद-नापसंद से अधिक रूबरू होते हैं। एक
नए शोध ने इस मान्यता को पूरी तरह झुठला दिया है।
कुछ
दिनों पूर्व हुए एक रिसर्च के मुताबिक
40
साल से ज्यादा समय तक
एक-दूसरे के साथ समय बिताने के बावजूद
इन जोड़ों में आपसी पसंद के प्रति ज्ञान कम था। सबसे आश्चर्य बात यह रही कि वहीं
दो-चार साल से जिंदगी जी रहे जोड़े अपने
पार्टनर की पसंद के बारे में ज्यादा जानकारी रखते थे। इससे यह आशंका बलवती हो गई है
कि कहीं साथ-साथ ज्यादा समय गुजारने के बाद
रिश्ते में नीरसता तो नहीं आ जाती है।
स्विटजरलैंड के बसेल यूनिवर्सिटी के
शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में इसका खुलासा किया है। रिसर्चरों ने 19 से 32 साल आयु के बीच के 58 जोड़ों का अध्ययन किया। ये कपल
25
महीनों से साथ रह रहे
थे। दूसरी ओर 41 साल से साथ जिंदगी की नौका पर सवार
20
जोड़ों (62-78 साल उम्र) के थे। अध्ययन में कपल के खाने के
पसंद को अहमियत दी गई। यह अध्यययन जर्नल ऑफ कंज्यूमर साइकलॉजी में प्रकाशित हुआ
है।
इन
जोड़ों को पसंदीदा 40 पकवानों, फिल्म, डीवीडी और किचेन डिजाइन चुनने को कहा
गया। पसंद के दौरान उन्हें 1-4 प्वाइंट देना था। रिसर्चरों ने पाया
कि युवा जोड़े 47 फीसदी तक पार्टनर की पसंद बताने में
कामयाब रहे। वहीं, उम्रदराज जोड़े केवल 40 फीसदी ही पार्टनर की पसंद बता सके।
इस शोध
में सबसे अहम जानकारी यह मिली कि एक-दूसरे के साथ रहने से ही आप अपने
पार्टनर की पसंद नहीं जान सकते। हालांकि, कुछ आलोचकों ने इस शोध की तीखी
आलोचना की है। उनका कहना है कि आधुनिक कपल की तुलना उम्रदराज लोगों से करना पूरी
तरह गलत है।
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