आज के दौर में जीवनसाथी की योग्यता और अयोग्यता का पैमाना पूरी तरह से बदल गया है। यही वजह है कि लड़के और लड़कियां अब अभिभावकों पर पसंद-नापसंद की बात रिश्ता तय होने से पहले करने लगे हैं। वर्तमान में वैवाहिक बंधनों को लेकर आजकल अभिभावकों को सबसे ज्यादा इन सवालों का सामना करना पड़ता है कि लड़के और लड़कियों में मैच है या नहीं। जिस लड़के का चयन अपनी बेटी के लिए करने जा रहे हैं वह वास्तव में उसके योग्य है या भी नहीं। लड़कियों की नजर में वह लड़का उनका जीवनसाथी बनने योग्य है, जो अपनी पत्नी की उपलब्धियों पर खुश हो तथा गर्व का अनुभव करे न कि ईष्र्या करे या उसकी प्रतिभा को रौंदने का काम करे।
हर लड़की ऐसा जीवनसाथी चाहती है जिस पर उसे गर्व हो यानी वह उसकी चाहत की कसौटी पर खरा उतरता हो। लड़कियाँ लड़के के रंग-रूप या कद-काठी की बजाए उसकी पढ़ाई-लिखाई कमाई और वैयक्तिक गुणों को अधिक महत्व देती हैं। यदि पति हैंडसम हो और गुणों की खान भी तो सोने पर सुहागा। हर लड़की कमाऊ लड़का के रूप में ही पति चाहती है। पत्नी की कमाई पर ऐश करने वाले या निर्भर रहने वाले लड़के को वह कभी पसंद नहीं करती। जो उनकी इच्छाओं और भावनाओं को समझते हुए उसकी कद्र कर सके। जो केवल उनका पति ही बनकर न रहे अपितु एक सच्चा दोस्त भी बने और सुख-दुख में साथ दे।
अलग हाईलाइट करें: लड़कियों की नजर में एक अच्छा पति वह है, जो अपनी पत्नी को अपने समकक्ष दर्जा दे न कि उसे अपने पैरों की जूती समझे। स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाले को वह कभी जीवनसाथी बनाना नहीं चाहती, क्योंकि ऐसे लोग पत्नी पर हाथ उठाना या उसके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने में अपनी मर्दानगी समझते हैं।
हर लड़की ऐसा जीवनसाथी चाहती है जिस पर उसे गर्व हो यानी वह उसकी चाहत की कसौटी पर खरा उतरता हो। लड़कियाँ लड़के के रंग-रूप या कद-काठी की बजाए उसकी पढ़ाई-लिखाई कमाई और वैयक्तिक गुणों को अधिक महत्व देती हैं। यदि पति हैंडसम हो और गुणों की खान भी तो सोने पर सुहागा। हर लड़की कमाऊ लड़का के रूप में ही पति चाहती है। पत्नी की कमाई पर ऐश करने वाले या निर्भर रहने वाले लड़के को वह कभी पसंद नहीं करती। जो उनकी इच्छाओं और भावनाओं को समझते हुए उसकी कद्र कर सके। जो केवल उनका पति ही बनकर न रहे अपितु एक सच्चा दोस्त भी बने और सुख-दुख में साथ दे।
अलग हाईलाइट करें: लड़कियों की नजर में एक अच्छा पति वह है, जो अपनी पत्नी को अपने समकक्ष दर्जा दे न कि उसे अपने पैरों की जूती समझे। स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाले को वह कभी जीवनसाथी बनाना नहीं चाहती, क्योंकि ऐसे लोग पत्नी पर हाथ उठाना या उसके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने में अपनी मर्दानगी समझते हैं।
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