एक-दूसरे पर विश्वास सुखी और स्वस्थ दांपत्य की पहली और अनिवार्य शर्त है एक-दूसरे पर विश्वास करना। लोग खुद को सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं और विश्वास ही वह तत्व है जो साथ बनाए रखता है। यह विश्वास कि कोई हरदम आपके साथ है और उसके किसी व्यवहार से आप आहत नहीं होंगी। संबंधों के दीर्घकालिक होने के लिए विश्वास ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
एक-दूसरे का ध्यान
लंबे समय तक दांपत्य जीवन गुजार चुके लोगों का अनुभव है कि अब स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाने लगा है। साथ जीने में एक-दूसरे पर निर्भर होने की बात तो होती है, पर यह निर्भरता नकारात्मक वृत्तियों के लिए नहीं होनी चाहिए। वे नहीं समझते कि ऐसे मामलों में शामिल होने में उनका कोई नुकसान है। उनका अनुभव है कि शक्ति का संतुलन आपस में एक-दूसरे पर निर्भर रहने और एक-दूसरे का ध्यान रखने से ही बना रहता है। साथ ही यह भी कि आर्थिक समानता भावनात्मक समानता की गारंटी नहीं है, क्योंकि शक्ति संतुलन केवल वित्तीय संदर्भो में ही नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और विश्वास जैसे भावनात्मक मुद्दों पर आधारित होता है।
साथ रहने का सुख
दीर्घकालीन संबंध बनाए रखने वाले दंपति एक-दूसरे के साथ होने के सुख का भरपूर अहसास करते हैं। उनकी अभिरुचियां और गतिविधियां सामान्य से कुछ भिन्न होती हैं और उन्होंने इसे एक-दूसरे के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में सहयोगी महसूस किया। जब भी वे साथ रहते हैं, एक-दूसरे में पूरी दिलचस्पी लेते हैं।
अनुभव की शेय¨रग
इतिहास की साझेदारी रिश्तों की बुनावट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। बच्चो के जन्म, विवाह प्रस्ताव या विवाह की वर्षगांठ जैसे साझा अनुभवों को याद करना और उन पर बात करना रिश्तों की इमारत में सीमेंट का काम करता है। अनुभवों की यही साझेदारी दंपतियों को भविष्य के भी संदर्भ देती है। इससे उन्हें इस बात का अहसास होता है कि संबंधों में गर्मजोशी बरकरार रखने के लिए क्या करने की जरूरत होती है, क्योंकि सबके दांपत्य जीवन में दो-चार बार कठिन समय जरूर आए होते हैं और इससे उन्हें यह अहसास होता है कि वे साथ-साथ बढ़े हैं। पूरे आत्मविश्वास के साथ भविष्य का सामना करने की ताकत मिलती है। एक-दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ता है और यह संबंधों को और पुख्ता बनाता है।
खुद को भाग्यशाली मानें
कई दंपतियों ने कहा कि उनके संबंधों के बने रहने में भाग्य ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे इस बात के लिए खुद को भाग्यशाली महसूस करते हैं कि उन्हें एक ऐसा साथी मिला जिसके साथ वे आगे बढ़ सकें। कई लोगों ने इस बात के लिए खुद को भाग्यशाली महसूस किया कि उन्हें अपने प्रिय की मौत, नौकरी या घर छोड़ने जैसी स्थितियों से जूझना नहीं पड़ा। जीवन की यात्रा अपेक्षाकृत आसान होने के लिए वे स्वयं को भाग्यशाली अनुभव करते हैं।
पत्नी की योग्यता का स्वागत
कुछ पुरुषों के सामने यह स्थिति आई कि उनकी पत्नी अचानक काम पर जाने लगी, क्योंकि पत्नी ने आय बढ़ाने की जरूरत महसूस की। इनमें कुछ लोगों के लिह यह एक बड़ी घटना थी, क्योंकि वे स्वयं को परिवार की धुरी के रूप में देखने के आदी थे। फिर भी उन्होंने जरूरतों को स्वीकार करते हुए स्थितियों को एक रचनात्मक मोड़ दिया और पत्नी के इस कदम का स्वागत किया। लंबे अरसे तक सुखद वैवाहिक जीवन गुजार चुके लोगों का मानना है कि जब उन्हें बदलाव की जरूरत महसूस हुई तो उन्हें इससे कोई भय नहीं लगा। उन्होंने बदलाव को संबंधों के खात्मे के तौर पर नहीं, बल्कि सिर्फ एक ऐसी परिस्थिति के रूप में देखा जिससे उबरना था, क्योंकि संबंधों की मजबूती उनके लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण थी।
मतभेदों के साथ जीना
आप किसी पार्टी की समर्थक हैं और पति दूसरे के समर्थक। वह अपना राजनीतिक नजरिया बदल नहीं सकते तो आपको इन मतभेदों के साथ ही जीने की आदत डालनी चाहिए। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, 'ऐसी छोटी-छोटी बातों पर तकरार कर अपना पसीना और वक्त न गंवाएं। उन्हीं बातों में उलझें जिन्हें आप संयुक्त रूप से जीत सकें। बार-बार उन पुराने मुद्दों पर बहस करने में न उलझें जिन पर आप कई बार बहस कर चुकी हैं, क्योंकि अगर आप पुराने मुद्दों पर ही बहस करने में उलझी रहेंगी तो बेहतर चीजें हासिल नहीं कर सकेंगी। इसका यह मतलब भी नहीं है कि आप महत्वपूर्ण मुद्दों को भी नजरअंदाज कर दें। आशय सिर्फ यह है कि मतभेदों को जीवन के अनिवार्य सत्य की तरह स्वीकार कर उनके साथ जीने की आदत डालें। विवाह ऐसे व्यक्ति के साथ न करें जिसके बगैर आप जी न सकें, बल्कि ऐसे व्यक्ति के साथ करें जिसके साथ आप जी सकें।'
स्थायित्व की धारणा
ज्यादातर बुजुर्ग दंपतियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने यह अपेक्षा नहीं की कि उनकी जिंदगी हमेशा खुशनुमा बनी रहे, पर यह अपेक्षा जरूर की कि उनके रिश्ते हर हाल में बने रहें। तमाम लोग उनके संबंधों की व्याख्या एक ऐसी गाड़ी के रूप में करते हैं जिसे चलाने के लिए दोनों को जोर लगाना पड़ता है। वे जानते हैं कि गृहस्थी की गाड़ी चला तो एक ही रहा है, पर दूसरा भी चुपचाप बैठा नहीं है। वह भी अपनी ओर से कोशिश कर रहा है।
No comments:
Post a Comment