शादी जिंदगी की जरूरत
है। कई बार
तो ऐसा भी
होता है कि
जो कल तक
कुछ लोग जिस
युवक की हंसी
उड़ाते थे वही
शादी के बाद
उसे खुशी देखकर
झुंझलाने लगते हैं।
ऐसे वे लोग
होते हैं जो
शादी नहीं करते
हैं या यूँ
कहें कि उन्हें
प्यार नसीब ही
नही हो पाता।
लेकिन एक बात
तो तय है
कि शादी के
बाद प्यार में
पड़ते ही हर
व्यक्ति बदल जाता
है। उसके स्वभाव
व बोलचाल में
अजीब-सा बदलाव
आ जाता है।
आप यह भी
कह सकते हैं
कि शादी के
बंधन में बंधने
के बाद उसकी
इंसान की सकारात्मक
सोच में इतनी
ताकत हेाती है,
जिसके सहारे लोग
जीवन में तरक्की
करते भी देखे
गए हैं।
इसके विपरीत प्यार का एक दूसरा पहलू भी है। अगर आप दूसरे की भावना को नजरअंदाज करके सिर्फ मनमानी करें, तो वह खुद के ही लिए घातक हो सकता है। प्यार में आप हासिल तो बहुत कुछ करते हैं, पर कुछ न कुछ खोते भी हैं। सबसे पहले आप स्वयं की स्वतंत्रता खो देते हैं। क्योंकि तब आपकी जिम्मेदारी किसी और के प्रति बढ़ जाती है। दूसरे रातों की नींद और दिन का चैन भी आपसे छिन जाता है। लेकिन इस छिन जाने में जो प्राप्ति है उस आनंद का अनुभव प्यार में गिरफ्तार व्यक्ति ही कर सकता है। सच कहूँ तो जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते है। और फिर भी सिक्के की कीमत एक होती है, उसी तरह प्यार में लुटकर भी आप आबाद ही होते हैं।
हालांकि प्यार को लेकर अब नजरिया लोगों का बदल गया है। पर यह तय है कि पहले की तरह शादी के बाद का प्यार हो या प्यार के शादी और फिर प्यार, प्यार तो प्यार ही होता है। चाहे आज का प्यार हो या कल का। आज पहली नजर के प्यार को लोग भले ही कुछ भी कहें पर ऐसा तो पहले से होता आया है। हाँ, आज के प्यार के चलते समाज में खुलापन जरूर आया है। यह शायद ढेर सारे माध्यमों की वजह से सिमट रही दुनिया का असर हो, फिर भी मैं इसे सकारात्मक संकेत मानती हूँ। अब कोई यदि किसी से प्यार करता है, तो उसे छिपाता नहीं, जबकि पहले यह सब पर्दे पर ही होता था।
इसके विपरीत प्यार का एक दूसरा पहलू भी है। अगर आप दूसरे की भावना को नजरअंदाज करके सिर्फ मनमानी करें, तो वह खुद के ही लिए घातक हो सकता है। प्यार में आप हासिल तो बहुत कुछ करते हैं, पर कुछ न कुछ खोते भी हैं। सबसे पहले आप स्वयं की स्वतंत्रता खो देते हैं। क्योंकि तब आपकी जिम्मेदारी किसी और के प्रति बढ़ जाती है। दूसरे रातों की नींद और दिन का चैन भी आपसे छिन जाता है। लेकिन इस छिन जाने में जो प्राप्ति है उस आनंद का अनुभव प्यार में गिरफ्तार व्यक्ति ही कर सकता है। सच कहूँ तो जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते है। और फिर भी सिक्के की कीमत एक होती है, उसी तरह प्यार में लुटकर भी आप आबाद ही होते हैं।
हालांकि प्यार को लेकर अब नजरिया लोगों का बदल गया है। पर यह तय है कि पहले की तरह शादी के बाद का प्यार हो या प्यार के शादी और फिर प्यार, प्यार तो प्यार ही होता है। चाहे आज का प्यार हो या कल का। आज पहली नजर के प्यार को लोग भले ही कुछ भी कहें पर ऐसा तो पहले से होता आया है। हाँ, आज के प्यार के चलते समाज में खुलापन जरूर आया है। यह शायद ढेर सारे माध्यमों की वजह से सिमट रही दुनिया का असर हो, फिर भी मैं इसे सकारात्मक संकेत मानती हूँ। अब कोई यदि किसी से प्यार करता है, तो उसे छिपाता नहीं, जबकि पहले यह सब पर्दे पर ही होता था।
दरअसल पहले के प्यार की परिणति शादी होती थी, लेकिन आज के दौर में जरूरी नहीं रहा कि आप जिससे प्यार करते हैं, आखिर में गृहस्थी भी उसी के साथ बसाएँ। वैसे, कल का प्यार कल के हिसाब से ठीक था तो आज के हिसाब से आज का प्यार भी अनुचित नहीं है। क्योंकि प्यार में कोई शर्त नहीं होती, मगर प्यार में अधिकांश लोगों की चाहत इतनी ज्यादा होती है कि प्यार हासिल करने में काफी मुश्किल होती है।
आजकल तो लड़के और लड़कियाँ दोनों को प्यार में आकर्शण, सादगी, ईमानदारी, सफाई पसंद, गुड सेंस आफ ह्यूमर या फिर जाॅर्ज क्लूनी की तरह दिलचस्त व्यक्ति ही चाहिए। यानी आज के युवा प्यार में सबकुछ पा लेना चाहते हैं। आप यह कह सकते हैं कि अब प्यार में बहुत फर्क आ गया है।
असल में यह सब व्यक्ति दर व्यक्ति निर्भर करता है। लैला मजनूं और शीरीं-फरहाद की गाथाओं वाले इस देश में अब भी ऐसे ढेरों लोग मिल जाएंगे, जो मिलन न होने पर आजीवन कंुवारे रह गए, लेकिन यहीं पर सुबह बाॅयफ्रेंड, तो शाम को गर्लफ्रेंड बदलने वालों की भी कमी नहीं है। मेरे ख्याल से जिंदगी इतनी फास्ट है कि किसी को भी ठहर कर सोचने या पीछे मुड़कर देखने की फुर्सत नहीं कि कल हमारे लिए कौन अपरिहार्य था। लेकिन कुछ भी हो अब मानसिकता बदलने की एक बार फिर से जरूरत आ गई है, क्योंकि प्यार अब उच्छृंखल हो गया है जो किसी भी रूप में अच्छा नहीं है।
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