महेश शर्मा
रेखाएं भी बहुत कुछ कहती हैं। इनकी उपेक्षा करना बेमानी है। प्रायः लोग जानकारी के अभाव में तार्किक होने की बात कर इसकी उपेक्षा करते हैं, लेकिन लाभ में वही रहते हैं जो इसे स्वीकार करते हैं।
वास्तुविद और ज्योतिष डा. वीके सक्सेना कहते हैं, हमारी जैसी सोच होती है उसी के अनुरूप हाथों की रेखाओं में बदलाव होते रहते हैं। सामान्यतः प्रतिदिन हमारे हाथों की छोटी छोटी रेखाएं बदलती हैं। परंतु कुछ खास रेखाओं में आपकी मानसिक स्थिति के अनुसार बड़े परिवर्तन नहीं होते हैं।
इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा और विवाह रेखा शामिल हैं। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार विवाह रेखा से किसी व्यक्ति भी व्यक्ति के विवाह और प्रेम प्रसंग पर विचार किया जाता है।
विवाह रेखा लिटिल फिंगर के नीचे वाले भाग में होती हैं। इस क्षेत्र को बुध पर्वत कहते हैं। बुध पर्वत के अंत में कुछ आड़ी गहरी रेखाएं होती हैं। यह विवाह रेखाएं कहलाती हैं।
यह रेखाएं संख्या में जितनी होती है उस व्यक्ति के उतने ही प्रेम प्रसंग होते है। यदि यह रेखा टूटी हो या कटी हुई हो विवाह विच्छेद की संभावना होती है। साथ ही यह रेखा आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा यह भी बताती है। यदि रेखाएं नीचे की ओर गई हुई हों तो दांपत्य जीवन में आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यदि विवाह रेखा के आरंभ में दो शाखाएं हो तो उस व्यक्ति की शादी टूटने का भय रहता है।
यदि किसी स्त्री के हाथ में विवाह रेखा के आरंभ में द्वीप चिन्ह हो तो उसका विवाहा किसी धोखे से होगा।
यदि बुध पर्वत से आई हुई कोई रेखा विवाह रिंग फिंगर के नीचे सूर्य रेखा तक गई हो तो उस व्यक्ति का विवाह किसी विशिष्ट व्यक्ति से होता है।
रेखाएं भी बहुत कुछ कहती हैं। इनकी उपेक्षा करना बेमानी है। प्रायः लोग जानकारी के अभाव में तार्किक होने की बात कर इसकी उपेक्षा करते हैं, लेकिन लाभ में वही रहते हैं जो इसे स्वीकार करते हैं।
वास्तुविद और ज्योतिष डा. वीके सक्सेना कहते हैं, हमारी जैसी सोच होती है उसी के अनुरूप हाथों की रेखाओं में बदलाव होते रहते हैं। सामान्यतः प्रतिदिन हमारे हाथों की छोटी छोटी रेखाएं बदलती हैं। परंतु कुछ खास रेखाओं में आपकी मानसिक स्थिति के अनुसार बड़े परिवर्तन नहीं होते हैं।
इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा और विवाह रेखा शामिल हैं। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार विवाह रेखा से किसी व्यक्ति भी व्यक्ति के विवाह और प्रेम प्रसंग पर विचार किया जाता है।
विवाह रेखा लिटिल फिंगर के नीचे वाले भाग में होती हैं। इस क्षेत्र को बुध पर्वत कहते हैं। बुध पर्वत के अंत में कुछ आड़ी गहरी रेखाएं होती हैं। यह विवाह रेखाएं कहलाती हैं।
यह रेखाएं संख्या में जितनी होती है उस व्यक्ति के उतने ही प्रेम प्रसंग होते है। यदि यह रेखा टूटी हो या कटी हुई हो विवाह विच्छेद की संभावना होती है। साथ ही यह रेखा आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा यह भी बताती है। यदि रेखाएं नीचे की ओर गई हुई हों तो दांपत्य जीवन में आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यदि विवाह रेखा के आरंभ में दो शाखाएं हो तो उस व्यक्ति की शादी टूटने का भय रहता है।
यदि किसी स्त्री के हाथ में विवाह रेखा के आरंभ में द्वीप चिन्ह हो तो उसका विवाहा किसी धोखे से होगा।
यदि बुध पर्वत से आई हुई कोई रेखा विवाह रिंग फिंगर के नीचे सूर्य रेखा तक गई हो तो उस व्यक्ति का विवाह किसी विशिष्ट व्यक्ति से होता है।
am pradeep rajpal (shivyogi)= 13-7-1978
ReplyDeletetime: 3:10pm
qual: graduate from d.univ.
seeking a bride in delhi
working in govt sector in ministry of hrd
i want delhi based girl whose height between 5ft 3inch to 5ft 5ft9inch
girl should be religious minded and believe in adishakti and shiv
namah shivay = 9650528479
pradeeprajpals@gmail.com