Monday, September 10, 2012

रिश्तों में मिठास के मूलमंत्र

पं. महेश शर्मा
पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरे जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं जिसमें प्यार, संयम, समझदारी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा होता है।

अगर आप विवाह के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे हैं, तो इन वचनों का खास ध्यान रखें ताकि रिश्तों में नयापन, प्यार और विश्वास ताउम्र बना रहे। भारतीय परंपरा में हमेशा से ही सात नंबर को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण और चिरायु प्रदान करने वाली संख्या माना जाता रहा है, क्योंकि सात नंबर अपने अंदर बड़े गूढ़, आध्यात्मिक दर्शन और पारलौकिक अर्थ छिपाए हुए हैं। इस पुण्य संख्या के साथ ही जुड़ी है सप्तपदी यानि दो आत्माओं के मिलन के लिए मांगी गई ईश्वरीय स्वीकृति। इस रीति के बिना विवाह संपन्न नहीं हो सकता, क्योंकि जब तक वर-वधू ये सात कदम नहीं चलते, विवाह अधूरा ही रहता है।

सप्तपदी भी एक ऐसी रस्म है जहां साथ रखे हर कदम के साथ वर-वधू एक-दूसरे से सात जन्म तक का साथ निभाने का वादा करते हैं, पर आज के बदलते परिवेश में ये सात वचन कब टूट जाते हैं पता ही नही चलता। सात जन्मों का साथ वाकई सात जन्मों तक बना रहे तो सात फेरों के साथ जरूरी है इन बातों का ख्याल रखना ताकि आपके रिश्तों में प्यार की मिठास और खुशियां बनी रहे :

अटूट कड़ी - दाम्पत्य की कड़ी अटूट है। यह पूरी तरह से विश्वास पर आधारित है। पति-पत्नी के रिश्ते का मूल आधार ही यही होता है। इसलिए इसमें शक न लाएं क्योंकि अगर यह एक बार आ जाता है तो पूरी जिंदगी लग जाती है टूटी कड़ी जोडने में, इसलिए जरूरी है कि विश्वास की नींव हिलने न दें, बल्कि इतनी मजबूत बनाएं कि प्रचंड आंधी भी इसे हिला न सके।

प्लानिंग करके चलें - विवाह के बाद अपनी गृहस्थी, बचत व निवेश की योजनाएं बनाएं और इसके साथ फैमिली प्लानिंग भी करके चलें ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सके और अपनी सुविधानुसार फैमिली बढाई जा सके।

परफेक्ट की बात न करें - कोई इंसान परफेक्ट नही होता है, इसलिए एक-दूसरे में गलतियां न निकालें बल्कि गलतियों को सुधारने का मौका दें। अपने प्यार में इतनी ताकत लाएं कि सामने वाला अपनी कमियों को आपके कहे बिना ही सुधार लें।


अनुकूल लाएं - उनकी पसंद के अनुरूप कार्य करें। मतलब ये नियम अपनाएं जो तुमको हो पसंद वही बात कहेगें। फिर चाहे वह टीवी देखने का हो या फिर घूमने का, उनकी पसंद को अपनी पसंद बनाएं।

सफाई न मांगे - अगर पार्टनर खर्चीली प्रवृत्ति वाला है तो कोशिश करें कि खर्चे की सफाई ना मांगे, क्योंकि उनके अपने भी खर्चे होते हैं जिन्हें पूछना व बताना, झग़डे को बढ़ावा देने जैसा होता है, क्योंकि खर्चे करने का हक दोनों का होता है।

सरप्राइज गिफ्ट - एक-दूसरे को सरप्राइज जरूर दें। पर झटके वाले ना हों, मतलब जिससे आपका बजट ना बिगडे़ और पार्टनर भी सरप्राइज देखकर खुश हो जाएं।

समय जरूर दें - आप चाहें कितने भी व्यस्त क्यों ना हों, पर एक-दूसरे को समय जरूर दें क्योंकि कई बार समय की कमीं के कारण रिश्ते बिखरने लगते हैं। इसलिए अपने पार्टनर के लिए समय जरूर निकालें।

कमियां न गिनाएं - रिश्ते में एक-दूसरे के घर की कमियां जरूर गिनाई जाती हैं, इसलिए जरूरत हो तो बुराई तो करें पर बुराई को झगडे़ का रूप ना दें।

गलती कहने की आदत डालें - गलती होने पर माफी जरूर मांगे, क्योंकि सॉरी कहना बुरी बात नहीं है और ना ही माफ करना मुश्किल काम है। साथ ही माफी मांगने से झगडा आगे नही बढता, इसलिए माफी मांगने में कंजूसी ना करें।

स्पेस दें - कहते हैं रिश्ते में स्पेस जरूरी होता है क्योंकि दूरी से प्यार झलकता है। इसलिए अपने रिश्ते में थोडी दूरी बनाए रखें ताकि आपको उनकी कमी का एहसास हो।

फैसला अकेले न करें - घर का फैसला हो या फिर अपने लिए कोई भी फैसला अकेले ना लें, बल्कि एक-दूसरे के सलाह-मशविरा लेकर ही फैसला करें। कहते हैं कि खुशियां हमारे आस-पास ही होती हैं,बस उन्हें ढूंढने की जरूरत होती है इसलिए जीवन के हर पल में खुशियां ढूंढे। कभी-कभी हार मान लेना गलत नहीं होता है, इसलिए अगर आपकी गलती नहीे है तो भी हार मान लें। आपका ये व्यवहार देखकर वो आपके आभारी हो जाएंगे।

झगड़ा खत्म करें - अगर आपका किसी बात पर झगड़ा हो गया है तो बिस्तर पर जाने से पहले झगड़े को खत्म कर लें ताकि बिस्तर पर बातें हों तो सिर्फ प्यार की। शादी के बाद अगर आपके साथी का कोई शौक पूरा नहीं हो पाया है तो उसे पूरा करने का मौका व सहयोग दें और उसके शौक व रूचियों को बरकरार रखें। शौक को पूरा करने में मदद

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