Saturday, October 15, 2011

जानें तो सही पसंद और नापसंद (Like and Dislike in relationship)

पं. महेश शर्मा
दरअसल काबिल लड़कियों की काबिलियत ही सुयोग्य वर मिलने में सबसे बड़ी बाधा है। ये बात कुछ अजीब भले ही लगती हो, लेकिन यह आज का सच है।

बेटी की शादी करना माता-पिता का दायित्व है। बेटी के विवाह योग्य होते ही माता-पिता बेटी के लिए योग्य वर तलाशने लगते हैं। अनेक बार जल्दबाजी, सगे संबंधी का दबाव, अपूर्ण छानबीन के कारण बेटी को आपकी अदूरदर्शिता का खामियाजा हमेशा के लिए भुगतना पड़ता है। इसलिए रिश्ता करने से पूर्व कुछ बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए।

समान वर ढूंढे

सर्वप्रथम अपनी लाडली से उसकी पसंद नापसंद की जानकारी लें। उसी के अनुरूप वर तलाशने का प्रयास करें। बेटी का रिश्ता अपने स्तर के परिवार में ही करें। दोनों परिवारों के स्तर में उन्नीस-बीस का अंतर तो चल सकता है, अधिक नहीं। बहुत उंचे या बहुत नीचे स्तर के साथ रिश्ता जोड़ने से दोनों परिवार दुःखी रहते हैं।

योग्यता

बेटी का रिश्ता तय करते समय शैक्षिक योग्यता का भी ध्यान रखें। लड़का आपकी बेटी से अधिक नही ंतो बराबर पढ़ा लिखा अवश्य होना चाहिए। पति पत्नी का बौद्धिक, स्तर की समानता वैचारिक मतभेद नहीं उभरने देंगी।

अपनी बेटी के लिए उसके रंग-रूप, कद व स्वास्थ्य के अनुरूप ही वर तलाशें। लड़के के पद और हैसियत को देखकर उसके रूप, रंग, कद, स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना अनुचित है। प्रेम बढ़ाने में बाहरी आकर्षण का महत्वपूर्ण योगदान होता है। बेमेल रिश्ते से आपकी बेटी कुंठित रहेगी।

जरूरी है छानबीन

रिश्ता करने से पूर्व लड़के व उसके परिवार की अपने स्तर पर छानबीन अवश्य कर लेनी चाहिए। कई बार शादी कराने वाले महत्वपूर्ण बातों की जानकारी नहीं देते हैं या उसे भी उन बातों का ज्ञान नहीं होता। अधिक विश्वास के कारण कहीं आपकी बेटी के साथ विश्वासघात न हो जाए।

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