Wednesday, December 8, 2010

रहें खुश, न करें निराधार शक

कोई भी बीमारी हो पर शक
की बीमारी न हो इस बात का
ख्याल हमेशा रखना चाहिए।
शक किसी भी रिश्ते को
खोखला कर देता है। इसलिए
अपने रिश्ते को सींचें सहेजें
और शक को अपनी जिंदगी से
दूर रखें ।


हर व्यक्ति ऐसा ही सोचता है कि शक करना सही नहीं है पर वह लगातार वही करता रहता है। पति पत्नी के बीच आपसी विश्वास किसी भी रिश्ते की रीढ़ है। आपसी विश्वास के बिना रिश्ते की मजबूती को कायम रख पाना आसान नहीं है। प्यार और विश्वास किसी भी भावनात्मक रिश्ते के दो अलग अलग आयाम हैं। यह संभव है कि आप किसी से प्यार करें, पर उस पर जरा सा भी विश्वास न करें। वहीं दूसरी ओर यह भी संभव है कि आप किसी पर आंख मूंदकर विश्वास करें। पर उससे प्यार न करें। एक संभावना तो यह भी बनती है कि आप किसी व्यक्ति से प्यार भी करें और उस पर पूरा विश्वास भी, पर वक्त के साथ किसी कारण से उस पर विश्वास पूरी तरह से खत्म हो जाए। एक बार आपसी विश्वास खत्म हो जाए तो उसे फिर से हासिल कर पाना आसान नहीं होता।


शक की इस बढ़ती बीमारी का एक कारण समाज में लगातार हो रहा बदलाव भी है। समाज में महिलाओं की स्थिति में तेजी से बदलाव हो रहा है। कामकाजी महिलाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसलिए कि अधिकांश दंपत्ति अब वर्किंग हैं। साथ वक्त बिताने का मौका दिन ब दिन कम होता जा रहा है। वहीं रिश्ते के बाहर अन्य लोगों से घुलने मिलने और बातचीत करने के अवसर बढे हैं।  विचारों का आदान प्रदान बढ़ा है। ये सभी परिस्थितियां एक साथ मिलकर रिश्ते को पहले से ज्यादा नाजुक व कमजोर बना रही हैं। इससे शक का घेरा और मजबूत होता रहता है। लेकिन इंसान को शक के घेरे को आपसी रिश्ते से दूर रखना चाहिए जब तक कि अकाट्य प्रमाण न मिल जाए। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि रिश्ते में शक के लिए जगह कैसे पैदा होती है।

रिश्ते में अविश्वास होने के तीन कारण होते हैं। पहला कारण यह कि आप दोनों में से कोई चाहकर भी एक दूसरे को वक्त नहीं दे पा रहे है। दुसरा कारण यह हो सकता है कि आप दोनों में से कोई एक हमेशा रिश्ते को लेकर असुरक्षित महसूस करता है और शक का तीसरा कारण एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर हो सकता है। पहले दो कारण तो ऐसे हैं जिनका बातचीत और काउंसलिंग आदि से हल ढूंढ पाना संभव है, पर शक के तीसरे कारण का एकमात्र हल यह है कि अपनी गलती को स्वीकारा और सुधारा जाए।

साथ रहें हमेशा
आपसी विश्वास के बीच शक की सूई को दूर करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि एक ऐसा माहौल तैयार करें जहां आप दोनों खुलकर पहले की तरह अपने मन की बातें परेशानियों और आशंकाएं शेयर कर सकें। रिश्ते को इस स्थिति तक पहुंचाने में गलती चाहे आप दोनों में से जिसकी भी हो बातचीत के दौरान बार बार इस मुद्दे को न उछालें।

अगर आप दोनों के बीच बढ़ते शक के कारण सही हैं तो एक दूसरे के साथ न बिता पा रहे हों तो सबसे पहले अपनी प्राथमिकताएं तय करें। प्रोफेशनल फ्रंट पर ऊंचाई तक पहुंचने के सपने देखने और उस दिशा में काम करने में कोई बुराई नहीं है। पर यह अपने रिश्ते की कुर्बानी देकर न करें। एक दूसरे को वक्त दें।

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